ईंट से ईंट जोड़ कर, ख़्वाब बना रहा हूँ मैं By Sher << ऐ 'नूह' तौबा इश्क... यूँ चुप रहा करे से तो हो ... >> ईंट से ईंट जोड़ कर, ख़्वाब बना रहा हूँ मैं रख़्ने न डाल मेरे यार' ख़्वाब की देख-भाल में Share on: