मोहब्बत ऐसा दरवाज़ा है 'ख़ावर' By Sher << 'अमीर' ऐसे-वैसे त... मुझ को लगता है घड़ी जिस न... >> मोहब्बत ऐसा दरवाज़ा है 'ख़ावर' हर इक दस्तक पे जो खुलता नहीं है Share on: