इस अँधेरे में जब कोई भी न था By Sher << यादों के नशेमन को जलाया त... ज़िंदगी इक नई राह पर >> इस अँधेरे में जब कोई भी न था मुझ से गुम हो गया ख़ुदा मुझ में Share on: