इस अहद में रिश्तों की बे-रंग दुकानों में By Sher << फ़रिश्ता है तो तक़द्दुस त... असास-ए-जिस्म उठाऊँ नए सिर... >> इस अहद में रिश्तों की बे-रंग दुकानों में हीरे से भी महँगा है विश्वास का आईना Share on: