इस अश्क ओ आह में सौदा बिगड़ न जाए कहीं By Sher << दिल के ख़ूँ से भी सींच कर... चाँदनी शब तू जिस को ढूँडन... >> इस अश्क ओ आह में सौदा बिगड़ न जाए कहीं ये दिल कुछ आब-रसीदा है कुछ जला भी है Share on: