इस दौर में इंसान का चेहरा नहीं मिलता By Sher << अब न चाहेंगे किसी और को त... काश लौटें मिरे पापा भी खि... >> इस दौर में इंसान का चेहरा नहीं मिलता कब से मैं नक़ाबों की तहें खोल रहा हूँ Share on: