इस लिए चल न सका कोई भी ख़ंजर मुझ पर By Sher << आग हो दिल में तो आँखों मे... तिरा ख़याल मिरे दिल में क... >> इस लिए चल न सका कोई भी ख़ंजर मुझ पर मेरी शह-रग पे मिरी माँ की दुआ रक्खी थी Share on: