इस पुर्सिश-ए-करम पे तो आँसू निकल पड़े By Sher << मुझे ख़बर थी मिरा इंतिज़ा... हम वो दरख़्त हैं कि जिसे ... >> इस पुर्सिश-ए-करम पे तो आँसू निकल पड़े क्या तू वही ख़ुलूस सरापा है आज भी Share on: