इस वक़्त वहाँ कौन धुआँ देखने जाए By Sher << जो कुछ निगाह में है हक़ीक... हम भूल सके हैं न तुझे भूल... >> इस वक़्त वहाँ कौन धुआँ देखने जाए अख़बार में पढ़ लेंगे कहाँ आग लगी थी Share on: