इश्क़ की हर दास्ताँ में एक ही नुक्ता मिला By Sher << नसीब से कहीं मरना किसी पे... इस वास्ते फ़ुर्क़त में जी... >> इश्क़ की हर दास्ताँ में एक ही नुक्ता मिला इश्क़ का माज़ी हुआ करता है मुस्तक़बिल नहीं in every tale of love is a common theme to wit love only has a past but no future's there for it Share on: