इस्तिआरे ज़मीन से जाएँ By Sher << परिंदे लड़ ही पड़े जाएदाद... ये सोचते ही रहे और बहार ख... >> इस्तिआरे ज़मीन से जाएँ इक ग़ज़ल आसमान से उतरे Share on: