इतना आसाँ नहीं पानी से शबीहें धोना By Sher << इस क़दर मैं ने सुलगते हुए... लम्हों के तार खींचता रहता... >> इतना आसाँ नहीं पानी से शबीहें धोना ख़ुद भी रोएगा मुसव्विर ये क़यामत कर के Share on: