इतना न दूर जाओ कि जीना मुहाल हो By Sher << मैं अपनी आँख भी ख़्वाबों ... दफ़्न हम हो चुके तो कहते ... >> इतना न दूर जाओ कि जीना मुहाल हो यूँ भी न पास आओ कि दम ही निकल पड़े Share on: