इतना सच बोल कि होंटों का तबस्सुम न बुझे By Sher << हमेशा मय-कदे में ख़ुश-क़द... शोर दिन को नहीं सोने देता >> इतना सच बोल कि होंटों का तबस्सुम न बुझे रौशनी ख़त्म न कर आगे अँधेरा होगा Share on: