इत्तिफ़ाक़ अपनी जगह ख़ुश-क़िस्मती अपनी जगह By Sher << ज़िंदगी की ज़ुल्मतें अपने... साथियो अब मुझे रस्ते में ... >> इत्तिफ़ाक़ अपनी जगह ख़ुश-क़िस्मती अपनी जगह ख़ुद बनाता है जहाँ में आदमी अपनी जगह Share on: