जब दिल का जहाज़ अपना तबाही में पड़े है By Sher << क़ासिद पयाम-ए-शौक़ को देन... उस वक़्त दिल मिरा तिरे पं... >> जब दिल का जहाज़ अपना तबाही में पड़े है ले दौड़ें हैं आँसू वहीं आँखों की ग़राबें Share on: