जब डूब गई कश्ती ये राज़ खुला हम पर By Sher << जब शहर में दुश्मन मिरा को... हम ने ख़ुद भर दिया पैमाने... >> जब डूब गई कश्ती ये राज़ खुला हम पर दरिया के तलातुम में रू-पोश किनारे थे Share on: