जब ग़ुंचे को वाशुद हुई तहरीक सबा से By Sher << झूट और मुबालग़े ने अफ़्सोस इज़हार-ए-हाल का भी ज़रीया... >> जब ग़ुंचे को वाशुद हुई तहरीक सबा से बुलबुल से अजब क्या जो करे नग़्मा-सराई Share on: