जब हुआ काले का गोरे से मिलाप By Sher << उस शजर के साए में बैठा हू... ख़्वाब था या शबाब था मेरा >> जब हुआ काले का गोरे से मिलाप मिल गईं तारीकियाँ तनवीर से Share on: