जब जीते-जी न पूछा पूछेंगे क्या मरे पर By Sher << जवानी से ज़ियादा वक़्त-ए-... इश्क़-ए-मिज़्गाँ में हज़ा... >> जब जीते-जी न पूछा पूछेंगे क्या मरे पर मुर्दे की रूह को भी घर से निकालते हैं Share on: