ज़बाँ-बंदी के मौसम में गली-कूचों की मत पूछो By Sher << ज़मीं की गोद में इतना सुक... ये कौन निकल आया यहाँ सैर-... >> ज़बाँ-बंदी के मौसम में गली-कूचों की मत पूछो परिंदों के चहकने से शजर आबाद होते हैं Share on: