ज़ब्त करता हूँ तो घुटता है क़फ़स में मिरा दम By Sher << कर क़त्ल मुझे उन ने आलम म... दस बजे रात को सो जाते हैं... >> ज़ब्त करता हूँ तो घुटता है क़फ़स में मिरा दम आह करता हूँ तो सय्याद ख़फ़ा होता है Share on: