जहाँ जो था वहीं रहना था उस को By Sher << बहुत क़रीब है 'मुज़्त... बेगानों ने कभी न वो कानों... >> जहाँ जो था वहीं रहना था उस को मगर ये लोग हिजरत कर रहे हैं Share on: