जहाँ में हम ने किसी से भी खुल के बात न की By Sher << हम सीं मस्तों को बस है ते... मेरे घर में ग़ैर के डर से... >> जहाँ में हम ने किसी से भी खुल के बात न की दयार-ए-ग़ैर था दामन बचा बचा के चले Share on: