जहाँ से हूँ यहाँ आया वहाँ जाऊँगा आख़िर को By Sher << उश्शाक़ जाँ-ब-कफ़ खड़े है... न जाने हार है या जीत क्या... >> जहाँ से हूँ यहाँ आया वहाँ जाऊँगा आख़िर को मिरा ये हाल है यारो न मुस्तक़बिल न माज़ी हूँ Share on: