जहाँ भी देखा उन्हें दोस्तो सलाम किया By Sher << जंगल में जो सन्नाटा था जाने क्या क्या और हों राह... >> जहाँ भी देखा उन्हें दोस्तो सलाम किया हमेशा हम ने हसीनों का एहतिराम किया Share on: