ज़ाहिदा काबे को जाता है तो कर याद-ए-ख़ुदा By Sher << जिस ने जी भर के तजल्ली को... ये कहना हार न मानी कभी अं... >> ज़ाहिदा काबे को जाता है तो कर याद-ए-ख़ुदा फिर जहाज़ों में ख़याल-ए-ना-ख़ुदा करता है क्यूँ Share on: