ज़ाहिरन तोड़ लिया हम ने बुतों से रिश्ता By Sher << हँसी 'बिस्मिल' की... ये गर्द है मिरी आँखों में... >> ज़ाहिरन तोड़ लिया हम ने बुतों से रिश्ता फिर भी सीने में सनम-ख़ाना बसा है यारो Share on: