ज़िक्र जब छिड़ गया क़यामत का By Sher << मर गया हूँ पे तअ'ल्लु... सभी को ग़म है समुंदर के ख... >> ज़िक्र जब छिड़ गया क़यामत का बात पहुँची तिरी जवानी तक Share on: