'हबीब' ख़ुद ही बनाएँगे रोज़-ओ-शब अपने By Sher << हैं सब ये तिरे शिकवे कोता... हाल-ए-दिल पर हँसा कभी रोय... >> 'हबीब' ख़ुद ही बनाएँगे रोज़-ओ-शब अपने हुआ ही क्या जो ज़माने ने साथ छोड़ दिया Share on: