ज़िंदगी भर के लिए रूठ के जाने वाले By Sher << शाम को सुब्ह-ए-चमन याद आई धोके से पिला दी थी उसे भी... >> ज़िंदगी भर के लिए रूठ के जाने वाले मैं अभी तक तिरी तस्वीर लिए बैठा हूँ Share on: