ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को By Sher << शम्अ जलते ही यहाँ हश्र का... जान तुम पर निसार करता हूँ >> ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को अपने अंदाज़ से गँवाने का Share on: