ज़िंदगी फ़न नहीं मदारी का By Sher << जैसा मंज़र मिले गवारा कर मैं बदन को दर्द के मल्बूस... >> ज़िंदगी फ़न नहीं मदारी का पानियों से दिए नहीं जलते Share on: