ज़िंदगी फ़िरदौस-ए-गुम-गश्ता को पा सकती नहीं By Sher << आदमी का आदमी हर हाल में ह... ज़ब्त-ए-गिर्या कभी करता ह... >> ज़िंदगी फ़िरदौस-ए-गुम-गश्ता को पा सकती नहीं मौत ही आती है ये मंज़िल दिखाने के लिए Share on: