ज़िंदगी के हसीन तरकश में By तीर, Sher << तूफ़ान-ए-नूह लाने से ऐ चश... शैख़ कहता है बरहमन को बरह... >> ज़िंदगी के हसीन तरकश में कितने बे-रहम तीर होते हैं Share on: