ज़िंदगी की दौड़ में पीछे न था By Sher << ग़ुस्ल-ए-तौबा के लिए भी न... चलो 'नूह' तुम को ... >> ज़िंदगी की दौड़ में पीछे न था रह गया वो सिर्फ़ दो इक गाम से Share on: