ज़िंदगी में ऐसी कुछ तुग़्यानीयाँ आती रहीं By Sher << ऐन मुमकिन है उसे मुझ से म... यही है दौर-ए-ग़म-ए-आशिक़ी... >> ज़िंदगी में ऐसी कुछ तुग़्यानीयाँ आती रहीं बह गईं हैं उम्र भर की नेकियाँ दरियाओं में Share on: