जैसी अब है ऐसी हालत में नहीं रह सकता By Sher << जुर्म इतने कर चला हूँ हश्... मुझ को उतार हर्फ़ में जान... >> जैसी अब है ऐसी हालत में नहीं रह सकता मैं हमेशा तो मोहब्बत में नहीं रह सकता Share on: