ज़ियान-ए-दिल ही इस बाज़ार में सूद-ए-मोहब्बत है By Sher << अपनी सोचें सफ़र में रहती ... 'माजिद' ने बैराग ... >> ज़ियान-ए-दिल ही इस बाज़ार में सूद-ए-मोहब्बत है यहाँ है फ़ाएदा ख़ुद को अगर नुक़सान में रख लें Share on: