जज़्बा-ए-इश्क़ सलामत है तो इंशा-अल्लाह By Sher << सब कुछ है और कुछ नहीं ऐ द... मौत से ज़ीस्त की तकमील नह... >> जज़्बा-ए-इश्क़ सलामत है तो इंशा-अल्लाह कच्चे धागे से चले आएँगे सरकार बंधे Share on: