ज़ख़्म-ए-तन्हाई में ख़ुशबू-ए-हिना किस की थी By Sher << हवा का तब्सिरा ये साकिनान... हाल-ए-दिल यार को लिखूँ क्... >> ज़ख़्म-ए-तन्हाई में ख़ुशबू-ए-हिना किस की थी साया दीवार पे मेरा था सदा किस की थी Share on: