ख़ुद जिसे मेहनत मशक़्क़त से बनाता हूँ 'जमाल' By Sher << क्या बुझाएगा मिरे दिल की ... अपनी मिट्टी है कहाँ की क्... >> ख़ुद जिसे मेहनत मशक़्क़त से बनाता हूँ 'जमाल' छोड़ देता हूँ वो रस्ता आम हो जाने के बा'द Share on: