ज़माने अब तिरे मद्द-ए-मुक़ाबिल By Sher << अल्लाह के बंदों की है दुन... वो ख़ुदा है तो भला उस से ... >> ज़माने अब तिरे मद्द-ए-मुक़ाबिल कोई कमज़ोर सी औरत नहीं है Share on: