ज़मीं पर गिर रहे थे चाँद तारे जल्दी जल्दी By Sher << उजालों को ढूँडो सहर को पु... ये उदासी ये फैलते साए >> ज़मीं पर गिर रहे थे चाँद तारे जल्दी जल्दी अंधेरा घर की दीवारों से ऊँचा हो रहा था Share on: