ज़र दिया ज़ोर दिया माल दिया गंज दिए By Sher << आईने में और आब-ए-रवाँ में... ज़मीं भी निकली जाती है मि... >> ज़र दिया ज़ोर दिया माल दिया गंज दिए ऐ फ़लक कौन से राहत के एवज़ रंज दिए Share on: