ज़रा आहिस्ता ले चल कारवान-ए-कैफ़-ओ-मस्ती को By Sher << वो जिन दरख़्तों की छाँव म... वो करें भी तो किन अल्फ़ाज... >> ज़रा आहिस्ता ले चल कारवान-ए-कैफ़-ओ-मस्ती को कि सत्ह-ए-ज़ेहन-ए-आलम सख़्त ना-हमवार है साक़ी Share on: