ज़रा ऐ जोश-ए-ग़म रहने दे क़ाबू में ज़बाँ मेरी By Sher << आग पानी भी कभी एक हुए देख... ख़्वाब-गह में सियाह ख़ुशब... >> ज़रा ऐ जोश-ए-ग़म रहने दे क़ाबू में ज़बाँ मेरी वो सुनना चाहते हैं ख़ुद मुझी से दास्ताँ मेरी Share on: