ज़रा क़रीब से देखूँ तो कोई राज़ खुले By Sher << सफ़र पे निकले हैं हम पूरे... मैं ने भी बच्चों को अपनी ... >> ज़रा क़रीब से देखूँ तो कोई राज़ खुले यहाँ तो हर कोई लगता है आदमी जैसा Share on: