ज़रा पर्दा हटा दो सामने से बिजलियाँ चमकें By नक़ाब, Sher << नाव न डूबी दरिया में 'कशफ़ी' को कोई पू... >> ज़रा पर्दा हटा दो सामने से बिजलियाँ चमकें मिरा दिल जल्वा-गाह-ए-तूर बन जाए तो अच्छा हो Share on: