ज़रफ़िशाँ है मिरी ज़रख़ेज़ ज़मीनों का बदन By Sher << आँख झपकीं तो इतने अर्से म... ज़रा सी मैं ने तरजीहात की... >> ज़रफ़िशाँ है मिरी ज़रख़ेज़ ज़मीनों का बदन ज़र्रा ज़र्रा मिरे पंजाब का पारस निकला Share on: